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Kashmir
Saturday, 1 August 2020
आंखे
कुछ ना बोले भी बहुत कुछ बोल जाती है,
आंखे हैं, कभी कभी आयना भी बन जाती हैं।
सब चीज़े देखकर भी अनदेखा करती हैं,
आंखे ही हैं जो भेद करती हैं।
रंग के नाम पर तोड़ती है, और रंगों को ही पसंद करती हैं,
आंखे हैं, कभी गलत आयना भी बनती हैं।
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