समाज में बैर इतना है,
वायरस से भी नहीं डरता है।
आज भी टीवी हिन्दू मुसलमान दिखा रहा है,
समझाओ इन्हें, ये धर्म के नाम पर धंधा है।
बीमारी का इलाज निकला नहीं हैं,
वैज्ञानिक भी दिशाहीन हैं।
तो फिर धर्म को मुद्दा बनाकर लड़ना हैं,
क्यूंकि टीआरपी ऊपर जाना सबसे बड़ा एजेंडा हैं।
माना गलती हैं, बहुत बड़ी गलती,
नज़रंदाज़ ना हो सके ऐसी अनहोनी हैं।
पर अभी क्या चाइए ये सोचना है,
नफ़रत के बीज को दिल में नहीं बोना हैं।
ये वक़्त काफी नाजुक हैं,
घर में बैठे सब व्याकुल है।
टीम हिन्दू , टीम मुसलमान, कुछ नहीं कर पाएंगे,
ऐसे ही लड़ते रहे तो ये जंग हार जायेंगे।
जो दिखता है उसका विश्लेषण करें,
शिक्षित हैं, इसको सिद्ध करे।
क्यूंकि वायरस का कोई धर्म नई हैं,
इसके लिए सब एक ही हैं।
WOW!! Very well written.
ReplyDeleteThank you 😀
Deleteघर
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteThank you 😀
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