Thursday, 12 December 2019

कहानी एक शहर की

आओ सुनाऊं एक कहानी, जिसमें ना राजा हैं ना रानी,
बात होगी एक शहर की, जिसके चरों तरफ हैं पानी।
सड़को के निशान नहीं, क्यूंकि नाव करती ह यहां सवारी।
उची इमारतें हैं लाल रंगों में लिपटी,
अनेक कहानियां हैं इनमें सिमटी।
सदियों पुराना ये शहर है,
तब भी पानी पर स्थिर है।
यहां तो घर भी म्यूज़ियम लगते हैं,
ना जाने लोग इसमें कैसे रहते हैं।
अद्भुत, अतुलनीय, शब्द कम पड़ जाएंगे,
इसकी खूबसूरती के आगे सब ढल जाएंगे।
क्यूंकि इंसान की फितरत है बिगाड़ना,
पर इस शहर को उसी ने सूधारा।
वक़्त के साथ इंसान बदला और सोच भी,
और वक़्त के साथ ये शहर भी हुआ परिवर्तित।
आज पानी घरों के अंदर हैं,
कहते हैं climate change is असर है।
मानो ना मानो कुछ तो चेंज हुआ
शहर के नक्शे कुछ तो बदला हैं।
वक़्त रहते संभाल गया तो बच जाएगा,
वरना मोहेंजदारो की तरह किताबो में आयेगा।


Pby Ricardo Gomez Angel



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